STUDYPOINTONLINE

STUDYPOINTONLINE

Top 9 famous temple in jharkhand ,झारखंड के 9 प्रसिद्ध मंदिर जिनका आपको एक बार दर्शन ज़रूर करना चाहिए

🛕 झारखंड के प्रसिद्ध मंदिर: 

झारखंड एक खूबसूरत राज्य है जो जंगल, पहाड़ और खनिजों के साथ-साथ अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। यहां कई पुराने और पवित्र मंदिर हैं, जहां लाखों लोग हर साल दर्शन करने आते हैं। इस लेख में हम जानेंगे झारखंड के 9 प्रमुख मंदिरों के बारे में।

1️⃣ बाबा बैद्यनाथ धाम – देवघर

बाबा बैद्यनाथ धाम एक बहुत ही पवित्र मंदिर है जो झारखंड के देवघर शहर में है। यह मंदिर भगवान शिव का है।

https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/9/90/Baba_Baidyanath_Jyotirlinga_Temple.jpg

यहां की कुछ खास बातें:

    • शिव जी का खास मंदिर: यह शिव जी के 12 सबसे खास मंदिरों में से एक है, जिन्हें ज्योतिर्लिंग कहते हैं। शिव जी के भक्त मानते हैं कि इन जगहों पर शिव जी खुद मौजूद हैं।
    • बीमारियां दूर करते हैं: “बैद्यनाथ” का मतलब होता है “डॉक्टर या वैद्य का देवता”। लोग मानते हैं कि यहां आकर पूजा करने से बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
    • सावन में भीड़: हर साल सावन (जुलाई-अगस्त) के महीने में लाखों लोग यहां आते हैं। वे बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल भरकर पैदल चलकर 100 किलोमीटर दूर देवघर आते हैं और शिव जी को जल चढ़ाते हैं। इसे श्रावणी मेला कहते हैं। यह बहुत बड़ा त्योहार होता है।
    • पुराणी कहानियां: इस मंदिर से जुड़ी कई पुरानी कहानियां हैं। एक कहानी है कि रावण (जो लंका का राजा था) शिव जी को अपने साथ ले जाना चाहता था, लेकिन रास्ते में उन्हें देवघर में ही रुकना पड़ा और शिव जी वहीं स्थापित हो गए।

2️⃣ छिन्नमस्तिका मंदिर – रजरप्पा

छिन्नमस्तिका मंदिर झारखंड के रजरप्पा में स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। यह मंदिर खास तौर पर देवी छिन्नमस्तिका को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं (देवी दुर्गा के दस रूप) में से एक हैं।

https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/e/ed/Chhinnamastika_Temple_Rajrappa.jpg

    • जगह: रामगढ़ जिला

    • देवी: माता छिन्नमस्तिका (मां काली का रूप)

    • महत्व: यह शक्ति की देवी का तांत्रिक मंदिर है।

    • खास बात: मंदिर दो नदियों – दामोदर और भैरवी – के संगम पर है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।

यहाँ इस मंदिर के बारे में कुछ खास बातें बताई गई हैं:

अनोखा रूप: देवी छिन्नमस्तिका का रूप काफी अनोखा और शक्तिशाली माना जाता है। इस मंदिर में देवी की ऐसी प्रतिमा है जिसमें उनका सिर कटा हुआ दिखाया गया है, और उनके कटे हुए गले से रक्त की तीन धाराएँ निकल रही हैं। इनमें से दो धाराएँ उनकी दो सहचरियों (डाकिनी और वर्णिनी) द्वारा पी जा रही हैं और तीसरी धारा देवी स्वयं पी रही हैं। यह रूप आत्म-बलिदान और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता है।

3️⃣ पारसनाथ मंदिर – गिरिडीह :- 

पारसनाथ मंदिर, जो झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है, जैन धर्म का एक बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह मंदिर पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है, जो झारखंड की सबसे ऊँची चोटी है।

https://dynamic-media-cdn.tripadvisor.com/media/photo-o/09/6c/f6/c8/parasnath-hills.jpg?h=-1&s=1&w=1200

 

    • जगह: पारसनाथ पहाड़ी, गिरिडीह

    • धर्म: जैन धर्म

    • महत्व: जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों  ने यहीं पर मोक्ष प्राप्त किया था। इनमें 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ भी शामिल हैं, जिनके नाम पर इस पहाड़ी का नाम ‘पारसनाथ’ पड़ा।

    • खास बात: यह जैन धर्म के लोगो के लिए सबसे पूजनीय स्थानों में से एक है। इसे श्री सम्मेद शिखर जी के नाम से भी जाना जाता है।

    • पहाड़ी की परिक्रमा: भक्त अक्सर पूरी पहाड़ी की परिक्रमा करते हैं, जिसे मधुबन भी कहा जाता है। यह एक लंबी और पवित्र यात्रा होती है, जिसमें कई छोटे-छोटे मंदिर और टोंक (तीर्थंकरों के निर्वाण स्थल) आते हैं।

4️⃣ मालुटी मंदिर समूह – दुमका

मालुटी मंदिर समूह झारखंड के दुमका जिले में स्थित मंदिरों का एक अनोखा और ऐतिहासिक समूह है। इसे “मंदिरों का गाँव” भी कहा जाता है क्योंकि एक समय में यहाँ 108 से भी अधिक छोटे-बड़े मंदिर थे।

https://static.toiimg.com/img/104129885/Master.jpg

    • जगह: दुमका जिला

    • महत्व: मालुटी में एक ही जगह पर कई सारे छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं। पहले 108 मंदिर थे, लेकिन समय के साथ उनमें से कुछ टूट गए हैं। अब भी 70 से ज्यादा मंदिर मौजूद हैं।

    • खास बात: ये मंदिर टेराकोटा कला में बने हैं और बहुत सुंदर लगते हैं।

    • राजवंश का इतिहास: ये मंदिर 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच बाज बसंत राजवंश के राजाओं ने बनवाए थे। ऐसा कहा जाता है कि राजाओं ने एक ही रात में कई मंदिर बनवाए थे।

5️⃣ सुंडी मंदिर – लोहरदगा

सुंडी मंदिर लोहरदगा नाम की जगह पर है। यह मंदिर भगवान शिव का है।

      • जगह: लोहरदगा जिला

      • देवता: शिव और विष्णु

      • खास बात: यह मंदिर बहुत शांत जगह पर है और यहां का वातावरण भक्तों को शांति देता है।

      • त्योहारों पर भीड़: शिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ बहुत भीड़ होती है। इन दिनों खास पूजा-पाठ होता है।
      • शांति मिलती है: यह मंदिर शांत जगह पर है, इसलिए यहाँ आकर लोगों को मन को शांति मिलती है।
      • लोकल मान्यता: यह मंदिर बहुत बड़ा या मशहूर तो नहीं है, लेकिन लोहरदगा के लोगों के लिए यह बहुत खास और पवित्र जगह है। इसकी अपनी कुछ पुरानी कहानियाँ और मान्यताएँ भी हैं।

6️⃣ अंगरापथर मंदिर – बोकारो

अंगरापथर मंदिर झारखंड के बोकारो जिले में स्थित है। यह मंदिर खास तौर पर भगवान शिव को समर्पित है।

    • शिव जी का मंदिर: यह अंगरापथर इलाके में शिव जी की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है। लोग यहाँ आकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं।
    • पानी का कुंड: इस मंदिर के पास एक गर्म पानी का कुंड है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड के पानी में नहाने से शरीर की बीमारियाँ दूर होती हैं। यह बात इस मंदिर को और भी खास बनाती है।
    • जगह: बोकारो जिला
    • देवता: भगवान शिव

    • खास बात: मंदिर एक बड़े पत्थर पर बना हुआ है, जिसे चमत्कारी माना जाता है।

7️⃣ जगन्नाथ मंदिर – रांची

    • किन भगवान का मंदिर है? यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। भगवान जगन्नाथ दरअसल भगवान विष्णु (जो पूरी दुनिया को चलाते हैं) के ही एक रूप हैं। उनके साथ उनके बड़े भाई बलभद्र (जो शक्ति के देवता माने जाते हैं) और उनकी बहन देवी सुभद्रा (जो खुशहाली और अच्छे भाग्य की देवी हैं) भी विराजमान हैं।
    • किसके जैसा दिखता है? इस मंदिर को ओडिशा के पुरी शहर में बने बहुत बड़े और प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की तरह ही बनाया गया है। इसकी वास्तुकला (बनाने का तरीका) और डिज़ाइन काफी हद तक पुरी मंदिर जैसी है। मंदिर के ऊपर गोपुरम (ऊँचा शिखर) है, जो दूर से ही दिख जाता है।
    • यह कहां बना है? यह मंदिर एक छोटी पहाड़ी की चोटी पर बना है। ऊपर तक पहुँचने के लिए कुछ सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। लेकिन जब आप ऊपर पहुँचते हैं, तो वहाँ से पूरे रांची शहर का बहुत ही सुंदर नज़ारा दिखाई देता है। आप शहर की इमारतों, पेड़ों और दूर तक फैले इलाकों को देख सकते हैं। खासकर सुबह और शाम को यहाँ का नज़ारा बेहद मनमोहक होता है।
    • कब बना और किसने बनाया? इस मंदिर को 1691 ईस्वी (आज से लगभग 334 साल पहले) में नागवंशी राजा ठाकुर अनी नाथ शाहदेव ने बनवाया था। उन्होंने अपनी प्रजा के कल्याण और भगवान की भक्ति के लिए यह मंदिर बनवाया था।

8️⃣ तपूवन मंदिर – देवघर

तपोवन मंदिर देवघर में एक खास जगह है, जो शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। ये मंदिर भगवान शिव का है।

    • भगवान शिव का मंदिर: इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है।
    • राम और लक्ष्मण ने भी की थी तपस्या: यहाँ की सबसे खास बात ये है कि लोग मानते हैं कि भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण ने भी यहाँ आकर कुछ समय के लिए तपस्या की थी। इसी वजह से इस जगह को “तपोवन” कहते हैं, यानी तपस्या करने की जगह।
    • शांत और सुंदर जगह: ये मंदिर एक पहाड़ी पर है और चारों तरफ पेड़-पौधे हैं, इसलिए यहाँ का माहौल बहुत शांत और सुंदर लगता है।

9️⃣ इटखोरी मंदिर – चतरा

इटखोरी मंदिर चतरा जिले में एक बहुत ही खास जगह है। यहाँ पर मुख्य रूप से माँ भद्रकाली की पूजा होती है।

    • किस भगवान का मंदिर है? ये मंदिर माँ भद्रकाली का है। माँ भद्रकाली देवी दुर्गा का ही एक रूप हैं, जो बहुत शक्तिशाली मानी जाती हैं।
    • क्यों है यह इतना खास? (एक जगह तीन धर्म) इटखोरी मंदिर की सबसे बड़ी बात ये है कि ये हिंदू, बौद्ध और जैन – इन तीन धर्मों की बातें एक साथ दिखाता है। ऐसी जगहें कम ही मिलती हैं:
      • हिंदू: यहाँ माँ भद्रकाली का मंदिर है जहाँ हिंदू भक्त पूजा करते हैं।
      • बौद्ध: मंदिर के बिल्कुल पास ही भगवान बुद्ध की एक बड़ी मूर्ति और उनसे जुड़ी कुछ पुरानी चीजें भी मिली हैं। माना जाता है कि गौतम बुद्ध को ज्ञान मिलने से पहले वो यहाँ कुछ दिन रुके थे।
      • जैन: जैन धर्म की पुरानी किताबों में भी इस जगह का ज़िक्र मिलता है, जिससे पता चलता है कि ये जैनियों के लिए भी ज़रूरी रही है।
    • नाम कैसे पड़ा? “इटखोरी” नाम के पीछे एक कहानी है। कहते हैं कि जब भगवान बुद्ध यहाँ से जा रहे थे, तो उनकी माँ ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन बुद्ध ने कहा “इत खोरी” (यानी “यहाँ से जाओ” या “मुझसे दूर हटो”)। इसी से इस जगह का नाम ‘इटखोरी’ पड़ा।
    • कैसी जगह है? ये मंदिर एक शांत और हरे-भरे इलाके में है। यहाँ आकर आपको भारत के पुराने इतिहास और अलग-अलग धर्मों की एक-दूसरे से जुड़ी संस्कृति को देखने का मौका मिलेगा। यह झारखंड की एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक जगह है।

बोकारो की 5 सबसे खूबसूरत झीलें, डैम और झरने – घूमने के लिए बेस्ट जगहें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *