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झारखंड के युवाओं को स्किल क्यों नहीं मिल पा रहा? जानिए सच्चाई

📝 झारखंड में स्किल की कमी क्यों है?

झारखंड भारत का एक खनिजों से भरपूर राज्य है। यहाँ कोयला, लोहा, तांबा जैसे कई खनिज मिलते हैं, और कई बड़ी कंपनियां भी काम करती हैं। फिर भी यहां के ज़्यादातर युवा अच्छी नौकरी पाने के लिए बिहार, दिल्ली, बेंगलुरु या महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाते हैं।

ऐसा क्यों?

क्योंकि यहां स्किल यानी “काम करने की सही जानकारी” और अनुभव की कमी है

🔍 1. स्कूल-कॉलेज में बस किताबें पढ़ाई जाती हैं

झारखंड में अधिकतर स्कूल और कॉलेज सिर्फ थ्योरी पढ़ाते हैं — जैसे गणित, इतिहास या विज्ञान।
लेकिन आज के ज़माने में सिर्फ किताबों से कुछ नहीं होता।

आज कंपनियां उन्हीं को नौकरी देती हैं जो काम करना जानते हैं — जैसे:

    • कंप्यूटर चलाना

    • मोबाइल रिपेयर करना

    • डिजिटल मार्केटिंग

    • मशीन चलाना

    • इलेक्ट्रिशियन का काम

लेकिन हमारे स्कूलों में यह सब नहीं सिखाया जाता, और ना ही बच्चों को इसके लिए मोटिवेट किया जाता है।


🔧 2. हाथों से करने वाली ट्रेनिंग (प्रैक्टिकल) की कमी

अगर कोई बच्चा मोटर साइकिल रिपेयरिंग सीखना चाहता है, तो क्या वो सिर्फ किताब पढ़ कर सीख जाएगा?

नहीं।

उसे एक वर्कशॉप में जाकर हाथ से करना पड़ेगा। झारखंड में ऐसे ट्रेनिंग सेंटर बहुत कम हैं जहाँ बच्चे सीख सकें — और जो हैं भी, वहां संसाधन या अच्छे टीचर नहीं हैं।


🏭 3. यहां इंडस्ट्री तो हैं, लेकिन काम के मौके नहीं

झारखंड में कई माइनिंग कंपनी और फैक्ट्री हैं, लेकिन वहां सिर्फ बड़े-बड़े काम होते हैं। स्थानीय युवाओं को छोटे स्किल के कामों में मौका नहीं मिल पाता

फैक्ट्री वाले अक्सर दूसरे राज्यों से लोग बुला लेते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यहां के युवा स्किल्ड नहीं हैं।


🌾 4. गांव में जानकारी और पहुँच की कमी

झारखंड की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गाँवों में रहता है। लेकिन गांवों में रहने वाले लोगों को अक्सर यह पता ही नहीं होता कि:

    • स्किल सीखने के लिए कहाँ जाना है?

    • कौन सा कोर्स फ्री है?

    • कौन सी योजना सरकारी है?

योजना है, लेकिन जानकारी नहीं — यही सबसे बड़ा मुद्दा है।


🧑‍🏫 5. ट्रेनर यानी सिखाने वालों की तैयारी अधूरी

कई बार बच्चे ट्रेनिंग सेंटर जाते हैं, लेकिन वहां जो टीचर होते हैं, वो खुद पुराने तरीके से सिखाते हैं।
आज का ज़माना बदल चुका है — लेकिन सिखाने का तरीका नहीं बदला।

बच्चों को वही पुरानी चीजें सिखाई जाती हैं, जो अब काम की नहीं रहीं।


झारखंड में स्किल कैसे बढ़ाया जाए? (समाधान)

अब अगर हमें झारखंड के युवाओं को सक्षम बनाना है, तो ये 5 काम ज़रूरी हैं:

    1. हर जिले में स्किल ट्रेनिंग सेंटर शुरू किए जाएं — जहाँ बच्चा फ्री में सीख सके।

    2. ऑनलाइन कोर्स की जानकारी दी जाए — जैसे डिज़ीटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिज़ाइन, कोडिंग।

    3. गांव में कैम्प लगाए जाएं — जहाँ जाकर लोग बच्चों को समझाएं कि क्या-क्या सीख सकते हैं।

    4. स्कूल के बाद एक “स्किल क्लास” जरूरी हो — ताकि 9वीं-10वीं से ही बच्चे कुछ सीखना शुरू करें।

    5. ट्रेनर की भी ट्रेनिंग हो — ताकि वो बच्चों को आज के जमाने की चीजें सिखा सकें।

झारखंड के युवाओं के लिए उपयोगी स्किल्स

    • Basic Computer Skills (MS Office, Internet)

    • Digital Marketing

    • Mobile Repairing

    • Electrician Skills

    • Tailoring / Stitching

    • Motor Mechanic

    • Plumbing Work

    • Organic Farming / Drip Irrigation

    • Cooking / Chef Training

    • Photography and Video Editing

    • Welding / Machine Operator

    • English Speaking & Communication

    • Data Entry and Typing

    • Beauty Parlour / Hair Styling

    • Marketing and Sales Skills

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